शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

नव -वर्ष की शुभकामनाएँ



बीते हुए वर्ष की , दिल में उठे हर्ष की,
चिर-पुराने बंधुओं की , खट्टे -मीठे अनुभवों की,
अविस्मरणीय यादों कीनव मिले आगंतुकों की,
पूरे वर्ष मन में  जानेजन्मीं कितनी भावनाएँ ?
आपको नव -वर्ष की शुभकामनाएँ ।।

गत सर्दियों के ठिठुरन की,
शर्माते सूरज और ठंढी हवाओं की,
नीड़ों में दुबके पंछी और छोटे -छोटे पिल्लों की,
गर्म -गर्म चाय और कॉफी के बुलबुलों की ,
धूप और बादलों में मची होड़ की,
खिचड़ी में पतंगों के आपस के दौड़ की,
सुनसान सड़कों और खामोश रातों की ,
कितनी ऐसी यादें जो भूलीं  जाएँ।
आपको नव -वर्ष की शुभकामनाएँ ।।

जाड़े के संग -संग आए ऋतुराज की ,
मदमाते मंजर और सुलगते पलाश की ,
मलयांचल से मदमाती बहती हवाओं की ,
मदहोश नवयवना और फ़ागुनी फिज़ाओं की ,
यौवन के दिन और अंगड़ाई के शाम की ,
मत्त हुए महुओं और पीपल के पल्लव की ,
कोयल की कूकों और कौवों के वाचन की ,
कवियों की , जिन्होंने रची ऐसी रचनाएँ।
आपको नव -वर्ष की शुभकामनाएँ ।।

रंगों को करके फीका आये ग्रीष्म की ,
क्रोधित हुए सूरज, गरमाती हवाओं की ,
दहकते हुए शहर और तपते हुए गाँव की ,
पिघलता हुआ आसमान, पेड़ों के छाँव की ,
बढ़ते हुए दिन और छोटी होती रातों की ,
झुलसती हुई धरती और सूखते हुए तालों की ,
ठंढे कोल्ड्रिंक्स और लस्सी के मिठास की ,
ग्रीष्म अवकाश कीजिसमें जहाँ चाहे घूम आएँ।
आपको नव -वर्ष की शुभकामनाएँ ।।

ग्रीष्म की विदाई पर आई वर्षा रानी की,
सावन के झूले संग झूलती नवयवना की,
कड़कती हुई बिजलियाँ ,गरजते हुए मेघों की ,
चमकते हुए इन्द्रधनुष , छमकती हुई बूंदों की,
टर्राते मेंढक और कूकते हुए मोरों की ,
झूमते किसान और धान के खेतों की,
भींगते हुए पेड़ और टपकते हुए छप्पर की,
हरे -भरे मन की , जो लगता है अभी झूमें गाये 
आपको नव -वर्ष की शुभकामनाएँ ।।

-नवनीत नीरव - 

4 टिप्‍पणियां:

Mohinder56 ने कहा…

नववर्ष की शुभकामनाओं को सुन्दर शब्दों में पिरोया है आपने... आभार

36solutions ने कहा…

आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
सुख आये जन के जीवन मे यत्न विधायक हो
सब के हित मे बन्धु! वर्ष यह मंगलदयक हो.

(अजीत जोगी की कविता के अंश)

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सुन्दर रचना है।बधाई।


आप को सपरिवार नववर्ष की शुभकमनाएं।

संगीता पुरी ने कहा…

वाह बहुत सुंदर रचना है .. आपके और आपके पूरे परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!