बुधवार, 6 मई 2009

जन्मदिन पर..


(आज हमारे स्कूल ऑफ़ रुरल मैनेजमेंट के निदेशक प्रो(डा.) एल के वासवानी का जन्मदिन हैइसी उपलक्ष्य में हमारे कालेज में एक छोटा -सा कार्यक्रम रखा गयाउसी समारोह के दौरान मैंने ये कविता लिखी और सभी के सामने उसे प्रस्तुत भी किया।)

जन्मदिवस क्या है ?
उत्सव या रिवाज,
या फिर,
उन सभी को धन्यवाद करने का दिन,
जिन्होनें अभी तक,
हर सुख- दुःख में ,
तुम्हारा साथ दिया है

या फिर,
उन सभी का आभार प्रकट करने का दिन,
जिन्होंने वादा किया है ,
आने वाले समय में,
आपका हर काम में साथ देंगे,
जिसका सरोकार समाज से हो।
अर्थ चाहे कुछ भी हो,
मायने चाहे कुछ भी हों,
पर आज के दिन,
कोशिश यही होनी चाहिए,
जिनके प्रति आपने आभार प्रकट किया है ,
या फिर जिनका धन्यवाद् किया है ,
आने वाले भविष्य में ,
उनकी आंखों में कभी,
आँसू आने पाए
आँसू आने पाए

-नवनीत नीरव-

बहन के नाम .....

(आज मुझे अपनी बहन से मिले चार साल बीत गए हैं । उसी के लिए मैंने कुछ पन्तियाँ लिखी हैं)
कई पन्नों की दास्ताँ ,
अपने मन में समेटे हुए,
अक्सर स्नेहिल छाया देने की कोशिश में,
तुम असीम पीड़ा को सहती हुई चाहती रहीं,मुझे इस संसार की सारी खुशियाँ मिलें,
भूली -बिसरी यादों की कुछ मीठी बातें ,
जिन्हें मन चाहता है कहना,
इस धरा पर कहीं भी रहो,
हमेशा खुश रहना मेरी प्यारी बहना

-नवनीत नीरव-