बुधवार, 6 मई 2009

जन्मदिन पर..


(आज हमारे स्कूल ऑफ़ रुरल मैनेजमेंट के निदेशक प्रो(डा.) एल के वासवानी का जन्मदिन हैइसी उपलक्ष्य में हमारे कालेज में एक छोटा -सा कार्यक्रम रखा गयाउसी समारोह के दौरान मैंने ये कविता लिखी और सभी के सामने उसे प्रस्तुत भी किया।)

जन्मदिवस क्या है ?
उत्सव या रिवाज,
या फिर,
उन सभी को धन्यवाद करने का दिन,
जिन्होनें अभी तक,
हर सुख- दुःख में ,
तुम्हारा साथ दिया है

या फिर,
उन सभी का आभार प्रकट करने का दिन,
जिन्होंने वादा किया है ,
आने वाले समय में,
आपका हर काम में साथ देंगे,
जिसका सरोकार समाज से हो।
अर्थ चाहे कुछ भी हो,
मायने चाहे कुछ भी हों,
पर आज के दिन,
कोशिश यही होनी चाहिए,
जिनके प्रति आपने आभार प्रकट किया है ,
या फिर जिनका धन्यवाद् किया है ,
आने वाले भविष्य में ,
उनकी आंखों में कभी,
आँसू आने पाए
आँसू आने पाए

-नवनीत नीरव-

11 टिप्‍पणियां:

प्रिया ने कहा…

bahut khoob! janamdin ka ek lajawaab tohfa diya aapne to

संगीता पुरी ने कहा…

वाह .. बहुत बढिया लिखा।

Vinay ने कहा…

बहुत ही अच्छी कविता रचित हुई है

---
चाँद, बादल और शाम

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छी रचना है.

Unknown ने कहा…

so sweet ...........janam din ka itna sundar arth maine aaj jana ................

बेनामी ने कहा…

bahut hi achchi rachna hai

Reecha Sharma ने कहा…

behtareen rachna

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

जन्म-दिवस पर इतनी सच्ची अभिव्यक्ति और वो भी तहे दिल से..................

बधाई.

चन्द्र मोहन गुप्त

शोभना चौरे ने कहा…

janm din ka uphar achha lga.
bdhai

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

जन्म दिन को एक नया अर्थ देती सुंदर रचना ......!!

sachin ने कहा…

bahot khub....
Sachin Patil