(आज हमारे स्कूल ऑफ़ रुरल मैनेजमेंट के निदेशक प्रो(डा.) एल के वासवानी का जन्मदिन है। इसी उपलक्ष्य में हमारे कालेज में एक छोटा -सा कार्यक्रम रखा गया । उसी समारोह के दौरान मैंने ये कविता लिखी और सभी के सामने उसे प्रस्तुत भी किया।)
जन्मदिवस क्या है ?
उत्सव या रिवाज,
या फिर,
उन सभी को धन्यवाद करने का दिन,
जिन्होनें अभी तक,
हर सुख- दुःख में ,
तुम्हारा साथ दिया है ।
या फिर,
उन सभी का आभार प्रकट करने का दिन,
जिन्होंने वादा किया है ,
आने वाले समय में,
आपका हर काम में साथ देंगे,
जिसका सरोकार समाज से हो।
अर्थ चाहे कुछ भी हो,
मायने चाहे कुछ भी हों,
पर आज के दिन,
कोशिश यही होनी चाहिए,
जिनके प्रति आपने आभार प्रकट किया है ,
या फिर जिनका धन्यवाद् किया है ,
आने वाले भविष्य में ,
उनकी आंखों में कभी,
आँसू न आने पाए।
आँसू न आने पाए ।
-नवनीत नीरव-
11 टिप्पणियां:
bahut khoob! janamdin ka ek lajawaab tohfa diya aapne to
वाह .. बहुत बढिया लिखा।
बहुत ही अच्छी कविता रचित हुई है
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चाँद, बादल और शाम
अच्छी रचना है.
so sweet ...........janam din ka itna sundar arth maine aaj jana ................
bahut hi achchi rachna hai
behtareen rachna
जन्म-दिवस पर इतनी सच्ची अभिव्यक्ति और वो भी तहे दिल से..................
बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
janm din ka uphar achha lga.
bdhai
जन्म दिन को एक नया अर्थ देती सुंदर रचना ......!!
bahot khub....
Sachin Patil
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