(मैं अक्सर सोचता हूँ कि कहानियाँ क्यों लिखीं जाती हैं ?किन पक्षों को कहानियों में दिखाने की कोशिश की जाती है ? न जाने कितनी बातें मेरे मन में आती रहीं हैं। इन्हीं सब बातों को मैंने कविता का रूप देने की कोशिश की है।)
कहानी तो कहानी है,
बातें दर्द की आंखों की जुबानी है ,
कुछ दिल की शरारत है ,
कुछ जिंदगी की नादानी है ।
कुछ यादों का कारवाँ है,
कुछ हकीक़त का सामना है,
कुछ मन का एहसास है ,
कभी दिल से दूर, कभी पास है,
कुछ गाँवों की बात है ,
कुछ शहरों की रात है ,
कुछ पेड़ों की छाँव है ,
कुछ सफर की नाव है ,
कुछ तपता रेगिस्तान है ,
कुछ अपना स्वाभिमान है,
कुछ बूंदों की बौछार है ,
कुछ कल्पनाओं के पार है ,
कुछ पुरवा का झोंका है,कुछ मौसम की मनमानी है ।
कहानी तो कहानी है ।
-नवनीत नीरव-
कहानी तो कहानी है,
बातें दर्द की आंखों की जुबानी है ,
कुछ दिल की शरारत है ,
कुछ जिंदगी की नादानी है ।
कुछ यादों का कारवाँ है,
कुछ हकीक़त का सामना है,
कुछ मन का एहसास है ,
कभी दिल से दूर, कभी पास है,
कुछ गाँवों की बात है ,
कुछ शहरों की रात है ,
कुछ पेड़ों की छाँव है ,
कुछ सफर की नाव है ,
कुछ तपता रेगिस्तान है ,
कुछ अपना स्वाभिमान है,
कुछ बूंदों की बौछार है ,
कुछ कल्पनाओं के पार है ,
कुछ पुरवा का झोंका है,कुछ मौसम की मनमानी है ।
कहानी तो कहानी है ।
-नवनीत नीरव-
4 टिप्पणियां:
वाकई, कहानी तो कहानी है.
ye kuch -kuch bahut pyara hain..Is kuch -kuch mein hi to zindgi ki mithas hain, khatas hain, rawangi hain :-)
soch to zaroor naveen si thi is kavita ki..apne aap mein kahaani pe ek kavita likhna bada sahi prayaas hai...rachna thodi aur impactful ban sakti thi agar ek kahaani ke jazbaati paksh ko thoda aur ubhaara jaata
thanx meri kahani parne k liy ............... vakai kahani tikahani hi hoti hai
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